IMF चीफ ने कहा- भारत की सुस्त विकास दर का दुनिया भर पर पड़ रहा असर

वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) को लेकर आईएमएफ (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान में 80% की गिरावट के लिए भारत जिम्मेदार है. अपने एक ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने लिखा कि भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को उसे घटाना पड़ा है.

IMF ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है. IMF चीफ ने कहा कि घरेलू मांग में उम्मीद से भी अधिक कमी आई है. गोपीनाथ ने कहा कि हमने 2019 के लिए वैश्विक विकास 2.9 प्रतिशत और 2020 के लिए 3.3 प्रतिशत का अनुमान लगाया है, जो अक्टूबर के अनुमान से 0.1 प्रतिशत कम है. इसका अधिकांश हिस्सा भारत के लिए हमारे डाउनग्रेड से आता है, जो दोनों वर्षों के लिए काफी महत्वपूर्ण था.


इन वजहों से मिल सकता है ग्रोथ को सपोर्ट


वित्त वर्ष 2020 के जीडीपी अनुमान में 90 फीसदी की कटौती करते हुए 7.4 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ ने कहा कि घरेलू मांग में भारी गिरावट इसकी सबसे बड़ी वजह है, जो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC's) के संकट और क्रेडिट ग्रोथ में कमी की वजह से हुई है. हालां​कि, आईएमएफ ने यह भी कहा है कि केंद्रीय बैंक (Reserve Bank of India) द्वारा उठाए गए कदम और कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहने पर ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.

सिर्फ भारत ही नहीं कई देशों की आर्थिक वृद्धि होगी प्रभावित
भारत में जन्मीं आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नरमी तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय में कमजोर वृद्धि के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान कम किया गया है. उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2020 में 0.2 प्रतिशत बढ़कर 6 प्रतिशत करने का अनुमान है. यह अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के प्रभाव को बताता है. मुद्राकोष ने कहा कि भारत में घरेलू मांग उम्मीद से हटकर तेजी से घटी है. इसका कारण